जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान.....Jim Corbett National Park


जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान.....



जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान शहर के व्यस्त और उबाऊ जीवन से निकलकर कुछ दिनों के लिए जंगल के प्राकृतिक वातावरण में रहने का अवसर देता है। उत्तराखंड में जिम कार्बेट पार्क स्थित है। यह पार्क 1936 में स्थापित हुआ था तब इसका नाम हेली नेशनल पार्क था। 1952 में इसका नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क रख दिया गया। व एक बार फिर से 1957 में इसका नाम बदलकर जिम कार्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया जो कि एक मशहूर शिकारी था।  जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के सरकारी संरक्षण के बाद अधिकारियों की स्वीकृति व अनुमोदन के बिना जिम कॉर्बेट पार्क में घूमना अवैद्य है।  जीप सफारी इस विशाल पार्क में घूमने का एक प्रभावी तरीका है। वन्यजीवों को देखने के उत्सुक लोगों के लिए पार्क में पक्षियों और स्तनधारियों की एक विस्तृत श्रंखला है। यहाँ पर आप चीतल, जंगली सूअर, सांभर, हॉग हिरण, तेंदुआ, सियार, हाथी, भौंकने वाले हिरण, आम लंगूर, ऊदबिलाव आदि की खोज कर सकते हैं। और पक्षी जैसे बुलबुल, कोयल, मधुमक्खी खाने वाले, वारब्लर, फ्लाईकैचर, रॉबिन, आदि को भी देख सकते हैं। जिम कॉर्बेट में जीप सफारी द्वारा आप पार्क के वनस्पतियों और जीवों को देखने का सुअवसर प्राप्त कर सकते हैं। 







जीप सफारी  आपको स्वयं के करीब होने का एक अवसर देता है। जीप सफारी द्वारा आपको जंगल की यात्रा कराने के लिए कई ऑपरेटर उपलब्ध हैं। यात्रा सीजन में भीड़ से बचने के लिए आपको अपनी बुकिंग पहले से ही सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। जिम कॉर्बेट में जीप सफारी द्वारा  आप इन क्षेत्रों का  भ्रमण कर सकते हैं  जैसे  झिरना ढिकाला और बिजरानी । नदी से उनकी निकटता के कारण, ये सभी तेंदुए, हाथी जैसे जीवों और विशेष रूप से बंगाल टाइगर पर एक झलक पाने के लिए उत्कृष्ट स्थान हैं। पार्क भारत के उन कुछ स्थानों में से है जहाँ बाघ पाए जा सकते हैं।







जीप सफारी द्वारा जंगल के प्राकृतिक वातावरण की यात्रा आप को अचंभित कर देगी। भले ही कैंटर की सवारी वास्तव में पार्क में उपलब्ध हो, लेकिन जिम कॉर्बेट में एक जीप सफारी के रोमांच और उत्साह से कुछ भी मेल नहीं खाते हैं। जीप सफारी आपको बिना खतरे में डाले वन्यजीवों को नजदीक से देखने की अनुमति देती है। साथ ही जंगल की अधिकतम दूरी को कवर करने का सबसे तेज़ तरीका भी है। जंगल के स्थानीय ज्ञान के साथ एक ड्राइवर और गाइड, सफारी पर आपका साथ देते हैं। पार्क वन्यजीव उत्साही, पक्षी पर नजर रखने वाले, साहसिक पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आशीर्वाद है।






हरी-भरी हरियाली और स्वच्छ हवा आपके मन को शहर की चिंताओं से दूर कर देगी। तो जंगल के लिए अपने बैग को पैक करें एकांत के कुछ दिनों का आनंद लेने के लिए।
 यह आपको आपके परिवार के साथ आनंद भरा समय बिताने का अवसर देता है जिम कार्बेट नेशनल पार्क .... यह बेहतरीन तोहफा है पर्यटकों के लिए।



कब जाएँ :-

 जिम कार्बेट नेशनल पार्क में जाने का समय 15 नवंबर से 15 जून तक है इसके बाद मानसून शुरू हो जाता है और यह पार्क बंद कर दिया जाता है


कैसे जाएँ :-

 जिम कार्बेट पार्क आपको पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको उत्तराखंड के रामनगर पहुंचना होगा। दिल्ली से रामनगर की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है और यह सफर करने में 6 से 8 घंटे लग जाते हैं।

 यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर ही है।

 यहां आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली या देहरादून का जौलीग्रांट  है।परंतु सड़क मार्ग ही सबसे बेहतर है।


पार्क में जाने का मार्ग :-

जिम कार्बेट पार्क 5 जोन में बटा हुआ है जिसका पहला इसका पहला जोन बिजरानी है और इसके गेट का नाम है रामनगर का अमदन्दा गेट।  दूसरा जोन का नाम है झिरना जिसका गेट है खारा गेट। तीसरा जोन है दुर्गा देवी जिसका गेट दुर्गा देवी के नाम से ही है। और चौथा गेट है ढिकाला का जिसके गेट का नाम है रामनगर गढ़ी।पांचवा जोन है ढेला जिसके गेट का नाम ढेला गेट ही है।  पांचों जोन में भ्रमण करने के लिए  परमीशन चाहिए होता है। हर एक जोन के लिए अलग-अलग परमिट लेना पड़ता है। आप पार्क में दिन में ही घूम  सकते हैं और इसके लिए आपको ऑनलाइन परमिशन लेना होता है। इसके अलावा यदि आप रात को पार्क में रुकना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको अलग से ऑनलाइन बुकिंग करनी पड़ेगी।

खान-पान :-

 पार्क के अंदर ना ही आप शराब पी सकते हैं और ना ही नॉन वेज खा सकते हैं पार्क में अंदर कैंटीन है जहां आपको वेजिटेरियन खाना मिलता है वह चाय नाश्ता स्नैक्स सभी कुछ उपलब्ध है। तो जाइये और जंगल लाइफ के मजे कीजिए।













टिप्पणियाँ


  1. My Visitors can book online jim corbett Park elephant safari or Canter Safari for five different zones of the park namely Bijrani, Jhirna, Dhikala, Dhela and Durgadevi

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  2. केवल दो तीन घण्टे के लिए पार्क में पैदल किन क्षेत्रो में घूम सकते हैं

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