जंतर मंतर, जयपुर, राजस्थान

जंतर मंतर, जयपुर, राजस्थान


जंतर मन्तर, जयपुर, राजस्थान

जयपुर का जंतर मंतर वैश्विक धरोहर है जिसे 2019 में यूनेस्को ने विश्व धरोहरों में शामिल किया है। यह हमारे मध्ययुगीन भारतीय ज्ञान का जीवंत नमूना है इसके  राम यंत्र का तो कहना ही क्या इसका निर्माण ऊंचाई नापने के लिए किया जाता है। जंतर मंतर का निर्माण महाराज सवाई जयसिंह द्वारा कराया गया था। महाराज जयसिंह खुद भी एक खगोल शास्त्री थे। 18 वीं शताब्दी में महाराज जयसिंह ने पूरे भारतवर्ष में अलग-अलग स्थान पर 5 जंतर मंतर का निर्माण करवाया- जयपुर, बनारस, उज्जैन, मथुरा और भारत की राजधानी दिल्ली में। इन सब में जयपुर की यह वेधशाला सबसे बड़ी है इसका निर्माण समय जानने और अंतरिक्ष के अध्ययन के लिए करवाया गया था। इस परिसर में 19 वास्तु  खगोलीय उपकरण लगे हुए हैं यह सभी अच्छी प्रकार से काम कर रहे हैं। शिक्षण और गणना के लिए अब भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। यहां की कुछ रचनाएं पत्थर तांबे और संगमरमर से बनी हुई हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सूर्य घड़ी यहीं है जो की पत्थर की बनी हुई है इसे वृहत सम्राट यंत्र कहते हैं। यह घड़ी 2 सेकंड की सटीकता पर स्थानीय समय बताती है इसकी ऊंचाई 27 मीटर है। जंतर मंतर का अर्थ जादू टोना नहीं बल्कि गणना करने वाला यंत्र है। अगर आपकी खगोल शास्त्र और गणित में बिल्कुल भी रुचि नहीं है तो भी आप यहां जरूर जाएं यहां आने के बाद ही आपको इनकी महानता का पता चलेगा। जंतर मंतर के द्वारा आप खगोल शास्त्र के कठिन सिद्धांतों को बहुत आसानी से समझ सकते हैं। जंतर मंतर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है अतः आप पूरे दिन में कभी भी इसका दर्शन करने आ सकते हैं।

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